स्वदेशी जागरण मंच की राष्ट्रीय सभा, दिनांक 24-26 दिसंबर, 2021 को लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक षिक्षा संस्थान, ग्वालियर (मध्य प्रदेश) में संपन्न हुई। बैठक के प्रारम्भ में प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए अखिल भारतीय संयोजक माननीय आर. सुन्दरम जी ने कहा कि मंच के पिछले वर्ष में कोरोना जैसे विपत्ति के काल में भी स्वदेशी जागरण मंच का कार्य अविरल रूप से चलता रहा। इस काल अवधि में स्वदेशी स्वावलंबन अभियान चलाकर 14 लाख लोगों तक पंहुच बनाई। पेटेंट मुक्त वैक्सीन एंव सर्व सुलभ टीकाकरण अभियान चलाया जिसमें विश्वभर के 40 देशों से समर्थन प्राप्त हुआ तथा इस अभियान के अंतर्गत देषभर में 14 लाख से अधिक लोगों से डिजिटल हस्ताक्षर करवाए।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में स्वामी ऋषभ देवानंद जी महाराज (संस्थापक श्रीकृष्णायन देशी गौशाला), श्रीमती किरण चौपड़ा (प्रबंध निदेशक, पंजाब केसरी), मा. भागैय्या जी (पूर्व सह सरकार्यवाह, रा.स्व.संघ), श्री आर. सुन्दरम (अ.भा. संयोजक), श्री कश्मीरी लाल (अ.भा. संगठक), श्री अरुण ओझा, डॉ अष्वनी महाजन, श्री अजय पत्की, श्री धनपतराम अग्रवाल (अ.भा. सह संयोजक), श्रीमती अमिता पत्की (अखिल भारतीय महिला प्रमुख), श्री जितेन्द्र गुप्त (पूर्व अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती), प्रो. विवेक पाण्डेय (कुलपति, लक्ष्मीबाई शारीरिक शिक्षण संस्थान) एवं प्रो. एस. के. राम (कुलपति कृषि विश्वविद्यालय) उपस्थित रहे।
सत्र (1) उद्घाटन सत्र - 24 दिसंबर, 2021
बैठक के प्रथम सत्र का शुभारम्भ अखिल भारतीय अधिकारियों एवं अन्य सहभागियों के परिचय के साथ हुआ। बैठक में सम्पूर्ण भारत वर्ष से 41 प्रांतों से 365 (अ.भा. अधिकारी, क्षेत्र अधिकारी, प्रान्त अधिकारी, विभाग व सह विभाग संयोजक) कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही।
पंजाब केसरी की प्रबंध निदेषक किरण चोपड़ा ने कहा कि स्वदेषी के मूल में मध्यम एवं लघु श्रेणी के उद्योगों का बहुत बड़ा योगदान है, ये उद्योग जितना अधिक प्रगति करेंगे, देष भी उतना ही अधिक सषक्त होगा।
श्रीकृष्णायन देषी गौषाला के संस्थापक स्वामी ऋषभ देवानंद जी महाराज ने बताया कि उन्होंने श्रीकृष्णायन देषी गौषाला की स्थापना इसी उद्देष्य से की, जिससे देषी गाय की रक्षा एवं संवर्धन हो सके।
कार्यक्रम के मध्य में सुश्री वान्या महेश्वरी ने स्वदेषी गीत प्रस्तुत किया। इसी सत्र में श्री सतीष कुमार (अ.भा. सह संगठक), एवं डॉ. आर.के. मित्तल (कुलपति सी.बी.एल.यू. विष्वविद्यालय) द्वारा लिखित पुस्तक पुनः बनाएं भारत महान एवं एक अन्य पुस्तक ‘स्वदेषी मूवमेंट ऑफ़ भारत’ जिसका संपादन श्री मनोनीत दलाल (सहयोगी निषा पुजारा) ने किया, का भी विमोचन हुआ।
अ.भा. सह संयोजक डॉ. अष्वनी महाजन ने वैष्विक स्तर पर बनी उन आर्थिक नीतियों पर प्रकाष डाला, जिन्हें पष्चिमी देषों द्वारा प्रगतिषील देषों पर प्रभुत्व जमाने हेतु लागू करने के षडयंत्र हुए एवं जिनको भांपकर राष्ट्रऋषि दत्तोपंत ठेंगडी जी ने 22 नवम्बर 1991 को स्वदेषी जागरण मंच की स्थापना की।
सत्र के अंत में श्री साकेत सिंह राठौड़ ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
सत्र (2) 24 दिसंबर, 2021
मुख्यवक्ता के रूप में स्वदेषी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह संगठक श्री सतीष कुमार ने स्वावलंबी भारत अभियान के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि हमें भारत को स्वावलंबी बनाना है, इसी कारण इस अभियान का नाम भी स्वावलंबी भारत अभियान रखा गया है। अभियान के तीन उद्देष्य हैं - (1) भारत को शून्य बीपीएल पर लाना। (2) युवा शक्ति को संपूर्ण रोजगार। (3) पर्यावरण की रक्षा करते हुए देष को 10 ट्रिलियन इकॉनामी बनाना।
आपने बताया कि 1000 वर्ष पूर्व भारत कृषि आधारित आर्थिक महाषक्ति था। उस समय विष्व की जीडीपी में भारत का योगदान 32 प्रतिषत हुआ करता था। भारत के सभी लोग रोजगारयुक्त ही रहते थे तथा उस समय किसी ने बेरोजगारी का नाम तक नहीं सुना था परन्तु समय के साथ भारत पर आक्रान्ताओं एवं अंग्रेजों का शासन हुआ, जिसके कारण भारत आर्थिक क्षेत्र में पिछडता चला गया और आज देष के समक्ष बेरोजगारी एक बड़ी समस्या के रूप में खड़ी है।
अपनी शक्ति को पहचानकर तथा विष्व की सर्वोच्च युवा शक्तियुक्त देष के रूप में अपने डेमोग्राफिक डिविडेंड का उपयोग कर, हम पुनः वैष्विक आर्थिक महाषक्ति का षिखर प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए हमें निम्न बिन्दुओं पर ध्यान केन्द्रित करना होगा-
(1) भारत में सरकारी नौकरी को ही रोजगार मानते हैं, जो गलत है। रोजगार की पूरी परिभाषा बिना सभी रोजगार के सेक्टर के अधूरी है। (2) बेरोजगारी का प्रमुख कारण है- जीडीपी को आधार मानकर चलना। अतः बजट रोजगार आधारित होना चाहिए, न कि जीडीपी आधारित। (3) हर देष को अपनी ताकत पहचाननी चाहिए, भारत की सर्वोच्च युवा शक्ति भारत की ताकत है। (4) भारत को अपने डेमोग्राफिक डिविडेंड को एनकैष करना। (5) सरकार मुक्त व्यापार समझौते सोच समझकर करे तथा वहीं समझौते करे जो देष के लिए हितकारी हों। (6) विकेंद्रीकरण से रोजगार सृजन-जिला केन्द्रित अर्थव्यवस्था। (7) उद्यमता ही समाधान- इसे बढ़ावा देने की आवष्यकता है। (8) रोजगार सृजन एक सामाजिक एवं आर्थिक अभियान।
श्री सतीष कुमार ने कहा कि नौकरी की मानसिकता मनुष्य के शारीरिक और बौद्धिक स्तर को षिथिल करती है, जबकि उद्यमिता मनुष्य को क्रिएटिव बनाती है।
सत्र के अंत में श्री अजय पत्की ने अर्थ एंव रोजगार सृजन पर प्रकाष डालते हुए अपना अध्यक्षीय उद्बोधन दिया। मंच संचलन श्री मंजुनाथ ने किया।
सत्र (3) 24 दिसम्बर, 2021
सत्र के आरम्भ में दक्षिण क्षेत्र का वृत निवेदन श्री महेष, दक्षिण मध्य का वृत निवेदन श्री मंजूनाथ तथा पष्चिम क्षेत्र का वृत निवेदन रमेष दवे ने किया।
श्री धनपतराम अग्रवाल ने प्रथम प्रस्ताव ‘पर्यावरण’ पर प्रकाष डालते हुए बताया कि ग्लोबल वार्मिंग, डिपलिषन ऑफ़ ओजोन लेयर, रेन फारेस्ट का ख़त्म होना, जंगलों का ख़त्म होना, जंगली जानवरों और वनस्पतियों पर खतरा, मीथेन गैस की अधिकता, क्लाइमेट रिफ्यूजी और ग्लेषियर का पिघलना जिसके कारण समुद्र का स्तर बढ़ना आदि है, जिससे कारण गंभीर प्राकृतिक एवं मानवीय समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। इस हेतु समग्र विष्व को प्रयास करने की आवष्यकता है।
डॉ. अष्वनी महाजन द्वारा द्वितीय प्रस्ताव ‘क्रिप्टोकरेंसी’ पर प्रस्तुत किया गया। महाजन ने बताया कि यह एक ऐसी कंप्यूटेड मुद्रा है जिसमें न तो सरकार और न ही इन्वेस्टर को यह पता कि इसमें निवेष कहां, कैसे और किसके पास जा रहा है, परन्तु फिर भी इसका चलन टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी बढ़ने लगा है। अब यह भी स्थापित हो चुका है कि क्रिप्टो का उपयोग आपराधिक गतिविधियों जैसे ड्रग माफिया, फिरौती आदि में भी हो रहा है। अतः क्रिप्टो करेंसी पर लगाम कसने हेतु स्वदेषी जागरण मंच संकल्पित है।
सत्र का संचालन श्री लिंगामूर्ति तथा अध्यक्षता श्री अनंदा शंकर पाणिग्रही ने की।
सत्र (4) 24 दिसम्बर, 2021
सत्र के आरम्भ में मध्य क्षेत्र का श्री अरुषेन्द्र शर्मा, राजस्थान क्षेत्र का डॉ. सतीष आचार्य, उत्तर क्षेत्र का सोमनाथ सचदेवा, पष्चिम उत्तर प्रदेष का डॉ राजीव कुमार, एवं पूर्वी उत्तर प्रदेष का श्री सर्वेष पाण्डेय द्वारा वृŸा निवेदन प्रस्तुत किया गया।
डॉ. धर्मेन्द्र दुबे द्वारा स्वदेषी आंदोलन और प्रचार तंत्र विषय पर विभिन्न प्रकार के मीडिया तंत्र, जिसमें प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तथा सोषल मीडिया (यू ट्युब, व्हाट्स एप्प, इनस्टाग्राम, फेसबुक आदि) की आज के समय में उपयोगिता, चलन एवं किस प्रकार उनका उपयोग कर स्वदेषी जागरण मंच का कार्य विस्तार किया जा सकता है, पर पीपीटी के माध्यम से प्रकाष डाला गया।
मंच संचालन श्रीमती अलका सैनी और अध्यक्षता प्रो. आर.के. मित्तल ने की।
सत्र (5) 24 दिसम्बर, 2021
इस सत्र में विभिन्न विषयों पर 6 समानांतर सत्र चले - (1) श्री अनंदा शंकर पाणिग्रही द्वारा पर्यावरण (2) श्रीमती अमिता पत्की द्वारा परिवार प्रबोधन एवं नारी शक्ति (3) श्री अरुण औझा द्वारा स्वास्थ्य एवं देषी चिकित्सा (4) प्रो. राजकुमार मित्तल द्वारा डेमोग्राफिक डिविडेंड (जनसांख्यिकी लाभांष) (5) श्री ओ.पी. चौधरी द्वारा कृषि और (6) डॉ. अष्वनी महाजन द्वारा विष्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) विषय पर प्रकाष डाला गया।
रात्रिकालीन सत्र 24 (दिसंबर, 2021)
रात्रि में भोजन के उपरान्त सभी क्षेत्र संयोजकों ने अपने-अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें की, जिसमें परिचय, शोध केन्द्र के लिए किए जा रहे धन संग्रह की प्रान्तषः जानकारी ली गई।
सत्र (6) 25 दिसम्बर, 2021
सत्र के आरम्भ में बिहार का श्री सचिन्द्र बरियार और पूर्वी क्षेत्र का श्री अनंदा शंकर पाणिग्रही ने वृŸा निवेदन किया।
‘हमारी कृषि’ विषय पर श्री ओ.पी. चौधरी ने बोलते हुए बताया कि हमारी पुरातन कृषि कैसी थी, आधुनिक कृषि क्या है और भविष्य की कृषि कैसी होनी चाहिए।
श्री धनपतराम अग्रवाल ने पर्यावरण पर प्रथम प्रस्ताव तथा डॉ. अष्वनी महाजन ने क्रिप्टोकरेंसी पर द्वितीय प्रस्ताव ऊं की ध्वनी के साथ पारित करवाया।
डॉ. राजीव कुमार ने ई-कॉमर्स पर प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए बताया कि अमेज़न, वालमार्ट, फ्लिपकार्ट, जो तीव्र गति से साम, दाम, दंड भेद के प्रयोग से भारत के रिटेल व्यापर पर कब्ज़ा करती जा रही हैं, जिसका हालिया उदाहरण अमेज़न द्वारा 9,887 करोड़ का रिष्वत कांड है।
डॉ. रणजीत सिंह ने राष्ट्रऋषि दत्तोपंत ठेंगडी जी पर उद्बोधन देते हुए बताया कि कइजीमदहकपण्पद पर दत्तोपंत जी से संबंधित उनके ऑडियो/विडियो के साथ साहित्य उपलब्ध है।
श्री दीपक शर्मा ने भूमि सुपोषण के महत्त्व एंव भूमि सुपोषण कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया।
सत्र (7) 25 दिसम्बर, 2021
इस सत्र में डॉ. सोमनाथ सचदेवा ने रोजगार सृजन के विषय पर उद्बोधन दिया, डॉ राजेष गोयल ने ऐसे रोजगार सृजन केन्द्रों की संकल्पना के विषय में बताया जिनके द्वारा जिला स्तर तक ऐसी व्यवस्था बनें जिससे अधिकाधिक रोजगार का सृजन हो, श्री जितेन्द्र गुप्त ने रोजगार सृजन के लिए जनजागरण की महत्वता पर विषय रखा।
सत्र (8) 25 दिसम्बर, 2021
संगठनात्मक समीक्षा, अभियान, कार्य विस्तार तथा जिला स्तर तक की समीक्षा जैसे विषयों पर दायित्व अनुसार समीक्षा पर विषय लिया गया। प्रान्त संयोजक एवं ऊपर के कार्यकर्ताओं के साथ श्री आर. सुन्दरम व श्री कष्मीरी लाल ने, प्रान्त कार्यकारिणी के कार्यकर्ताओं के साथ डॉ. धनपतराम अग्रवाल और श्री सतीष कुमार ने, विभाग संयोजक एवं अन्य सभी दायित्व के कार्यकर्ताओं के साथ श्री अरुण ओझा और डॉ अष्वनी महाजन ने और दायित्वविहीन सभी शेष कार्यकर्ताओं के साथ श्री अजय पत्की और श्रीमती अमिता पत्की ने बातचीत की। इसी सत्र में भारत बायोटेक के एम.डी. ईला श्री कृष्णा जी ने कोवेक्सिन के विकास में मा. प्रधानमंत्री द्वारा रेग्यूलेटरी प्रक्रिया को सरल करने की सराहना की।
स्वदेषी संदेष यात्रा (25 दिसंबर)
क्षेत्र अनुसार पारम्परिक परिधान में सभी कार्यकर्ताओं द्वारा स्वदेषी उत्पादों का ही प्रयोग करने एंव स्वदेषी अपनाने का प्रसार करते हुए ग्वालियर शहर में ‘स्वदेषी सन्देष यात्रा’ निकाली गयी। रैली में कार्यकर्ता प्रान्त का बैनर व भगवा पताका हाथ में लेकर स्वदेषी के उद्घोष के साथ चल रहे थे। शहर के मार्ग पर स्थानीय समाज के लोगों द्वारा कार्यकर्ताओं का स्वागत किया।
शंखनाद सभा (25 दिसम्बर, 2021)
शंखनाद सभा में श्रीमती सुनीता दहिया ने कहा कि परिवर्तन वैचारिक तंत्र से आता है और स्वदेषी जागरण मंच का कार्यकर्ता वैचारिक रूप से सषक्त बनकर कार्य कर रहा है। श्री जितेन्द्र गुप्त ने कहा कि भारत को विष्वगुरु बनाने के लिए स्वावलंबी बनने की आवष्यकता है।
जोहो कारपोरेषन के सीईओ श्रीधर वेम्बू ने कहा कि हमारे देष के उच्च बौद्विक स्तर के लोग बाहर के देषों में चले जाते हैं और वहां रोजगार सृजन में सहायक होते है, अगर वह लोग देष में ही रुकते तो यहाँ कितना रोजगार सृजन होता। जोहो कारपोरेषन को स्थापित करने का उद्देष्य छोटी-छोटी जगह के उन इंटेलीजेंट बच्चों को आगे लाना है जिन्हें परिस्थितियों वष आगे बढ़ने में कठिनाई होती हैं।
केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में हमारे अपने उत्पाद बनें, अपने उत्पाद पर कार्य हों, स्वदेषी को अपनाकर हम अधिकाधिक रोजगार सृजित कर सकें जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने जैसे विषयों पर सरकार भी स्वदेषी के साथ एकमत है।
शंखनाद सभा में मुख्य वक्ता के नाते से बोलते हुए श्री अरूण ओझा ने कहा कि स्वदेषी के मार्ग से ही हम भारत को उसका खोया हुआ वैभव पुनः प्राप्त करा सकते है। उन्होंने दत्तोपंत ठेंगड़ी जी द्वारा 1991 में मंच की स्थापना की पृष्ठभूमि के बारे में भी विस्तार से बताया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम (25 दिसंबर, 2021)।
सत्र (9) 26 दिसंबर, 2021
सत्र में स्वदेषी पत्रिका के महिला विषेषांक का विमोचन करने के पष्चात श्रीमती अमिता पत्की ने मिल्लेट्स पर उद्बोधन में बताया कि वर्ष 2023 को इंटरनेषनल इयर ऑफ़ मिल्लेट्स घोषित किया गया है। अधिक फाइबर और कम ग्लायसिमिक इंडेक्स के कारण मधुमेह के मरीजों के लिए अमृत तुल्य है।
अखिल भारतीय कोष प्रमुख श्री बलराम नंदवानी ने स्वदेषी शोध संस्थान तथा उसके लिए किये जा रहे धन संग्रह अभियान पर जानकारी दी।
मा. भागैय्या जी ने स्वावलंबी भारत अभियान के लिए शुभकामनाएं दीं तथा कहा कि इसके लिए हर स्तर के कार्यकर्ता को मन पक्का करने की आवष्यकता है। क्पअमतेपजल पे जीम ैवनस वि प्दकपंद ैवबपमजल, अतः हमें विभिन्न लोगों के साथ वतहंदपेंजपवदंस मोह को त्याग कर कार्य करना है क्योंकि जैसा हम व्यवहार करते हैं वैसी ही लोग धारणा बनाते हैं। उन्होंने कहा कि गणित में एक और एक दो होता है परन्तु जब ध्येयवाद होता है और हम समाज के लिए कार्य करते हैं तब एक और एक ग्यारह होता है। अपने संकल्प पूर्ति हेतु हमें ध्येयवादी होकर कार्य करना है।
सत्र (10) 26 दिसम्बर, 2021
सत्र में मंच संचालन श्री देवेन्द्र भरद्वाज और अध्यक्षता श्री सचिन्द्र बरियार ने की। मुख्य अतिथि राजस्थान में सीकर जिले के दातारामगढ़ से श्री सुंडाराम वर्मा (पदमश्री), जिन्होंने एक लीटर पानी से बड़ा वृक्ष तैयार करने की तकनीक विकसित की, साथ ही राजस्थान की प्रमुख फसलों की 700 प्रजातियों का संकलन किया, उपस्थित रहे। इन्होनें विषय पर प्रकाष भी डाला और सीकर जिले के अजीतगढ़ से श्री जगदीष पारीक (पदमश्री) जो 1970 से जैविक खेती कर रहे हैं। इन्हें 2003 में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया, 11 किस्म की गोभी उगाने के लिए उनका नाम लिम्का बुक में शामिल है। इन्होनें भी विषय पर प्रकाष डाला। श्री पारीक द्वारा लिखित पुस्तक ‘परम्परागत एवं जैविक खेती’ का विमोचन मंच पर उपस्थित सम्मानित अधिकारियों, श्री श्रीधर वेम्बू (संस्थापक, जोहो कारपोरेषन) और श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री) ने किया।
श्रीधर वेम्बू ने कहा कि अगर हम जटिल टेक्नोलॉजी को बना नहीं सकते, परन्तु उसका उपयोग करते हैं तो यह हमारे खर्चों में बढ़ोत्तरी करेगा, जो आर्थिक स्थिति के लिए उचित नहीं है। अतः हमें टेक्नोलॉजी के विकास पर बल देना होगा।
केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया