स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर सीमा शुल्क का स्थगन जारी रखना विकासशील देशों के हित में न होकर उनके लिए ‘बहुत हानिकारक’ होगा और भारत को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में आगामी मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में इसका विरोध करना चाहिए।
स्वदेशी जागरण मंच ने अपने एक आलेख में कहा कि व्यापार के मौजूदा परिदृश्य में यह कहा जा सकता है कि इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर सीमा-शुल्क न लगाना भारत के लिए एक घाटे का सौदा होगा।
मंच ने कहा कि डिजिटल उत्पादों के भौतिक व्यापार की समय के साथ घटती प्रवृत्ति को देखते हुए इस मुद्दे को अब और नजरंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि इसके कारण भारत में शुल्क से प्राप्त होने वाले राजस्व में कमी आई है।
आलेख में कहा गया, ‘‘आज चौथी औद्योगिकी क्रांति का वक्त है। यह डिजिटल औद्योगिकीकरण के जरिये ही आएगी।’’ यह आलेख स्वदेशी जागरण फाउंडेशन ने प्रकाशित किया है और इसे एसजेएम के सह-समन्वयक डॉ. अश्वनी महाजन और अनिल शर्मा ने लिखा है।
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