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स्वावलंबी भारत अभियान की प्रांतीय कार्यशाला आयोजित

स्वदेशी जागरण मंच के द्वारा भारत वूमेन बीएड महाविद्यालय डिगाडी कल्ला जोधपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आर्थिक विषयों के 11 संगठन के समवन्य से स्वावलंबी भारत अभियान की प्रांतीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

मुख्य वक्ता के रूप में स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय संगठक कश्मीरी लाल ने कहा कि कोरोना काल के पश्चात प्रत्येक भारतीय को रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से पूरे भारत वर्ष में स्वावलंबी भारत अभियान की मुहिम चलाई जा रही है। संघ में भारत में बेरोजगारी समाप्त करने के लिए प्रथम बार अपनी राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा में आर्थिक विषय पर प्रस्ताव पारित किया गया। उन्होंने आगे कहा कि पिछले 200 वर्षों से भारतीय लोगों की मानसिकता लॉर्ड मैकाले की नीतियों के कारण स्वरोजगारपरक न होकर नौकरी प्राप्त करने की रही है। आज हमें इस मानसिकता को परिवर्तित करने की जरूरत है तभी हम 2030 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकेंगे और भारत के प्रत्येक नागरिक को रोजगार उपलब्ध करा सकेंगे। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में ऐसे परिदृष्य बनाने की आवश्कता है कि आज का युवा स्वयं अपना रोजगार बिना किसी बाधा के शुरू कर सके और भारत सभी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सके। यूक्रेन और रूस के युद्ध और कोरोना काल के बाद यह पहली आवश्कता हो गई है कि हम पूर्णरूप से आत्मनिर्भर बनें। भारत के 1100 विश्वविद्यालय और 53000 महाविद्यालय में आए सभी छात्रों को स्वरोजगार उपलब्ध कराना है।

जोधपुर के वरिष्ठ उद्योगपति और हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर राधेष्याम रंगा ने कहा कि हम यदि लगातार निष्काम भाव से प्रत्यनशील रहते है तो अवश्य ही हमे सफलता मिलती है और समाज उद्यमशील बनता है।

राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत ने कहा कि हमारे समाज में कई उदाहरण है जिन्होंने जमीन से शुरुआत कर ऊंचाई को छुआ है और उन्होंने समाज को अपने अनुभव से एक दिशा दी है। स्वावलंबी भारत अभियान निश्चित ही देश को स्वरोजगार प्राप्ति की और ले जायेगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय संपर्क प्रमुख श्याम मनोहर ने कहा कि स्वावलंब भारत अभियान को धरातल पर लाने के लिए जिला स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है। जिले के विश्व विद्यालय, महाविद्यालय को जोड़कर इस अभियान को सफल बना सकते है। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महिलाओ को भी इसमें भागीदारी निभानी पड़ेगी।

कार्यशाला के द्वितीय सत्र में लघु उद्योग भारती के प्रांत अध्यक्ष रामानंद काबरा ने कहा कि सृजनशील लोगों की नई सोच ने पूरे विश्व में नए-नए क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराया है। हमें भी अपने युवाओं को चिंतनशील बनाने की आवश्यकता है जो कि नए सोच को विकसित करके हम भारत को नए युग में ला सकते है। नौकरियों से देश नहीं बनता है। देश को बनाने के लिए स्वरोजगार की आवश्यकता होती है।

स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख डॉ धर्मेंद्र दुबे ने कहा कि हम सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से भी युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर सकते है और देश को आत्मनिर्भर बना सकते है।

स्वदेशी जागरण मंच के कृषि प्रकोष्ठ प्रमुख भागीरथ चौधरी ने पश्चिम राजस्थान के संदर्भ में स्वरोजगार उद्योगों के विषय में संबोधित किया।

मंच के क्षेत्रीय संयोजक डॉ सतीष आचार्य ने स्वावलंबी भारत अभियान के बारे में विस्तार से बताया कि किस प्रकार से इस अभियान को लोगों तक पहुंचाना है। इस कार्यशाला को अतुल भंसाली, भारतीय किसान संघ से तुलसाराम सेवर, ग्राहक पंचायत से धर्मेंद्र सोनी, लघु उद्योग भारती से अनिल अग्रवाल, मंजू सारस्वत, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से डॉ. बलवीर चौधरी ने भी संबोधित किया।

इस कार्यशाला का संचालन प्रमोद पालीवाल ने किया और धन्यवाद का ज्ञापन पूर्व जिला प्रमुख पुनाराम चौधरी ने दिया। इस कार्यशाला में जोधपुर, फलोदी, पाली, सिरोही, जालोर, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़ जिलों से प्रतिनिधियों ने भागीदारी की।

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