स्वावलंबी भारत अभियान, देष में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा करने हेतु ठोस कदम उठाने के लिए एक महत्वपूर्ण सामूहिक पहल है, जिसे आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में काम कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आठ संगठनों द्वारा प्रारम्भ किया गया है। भले ही भारत को आज विष्व का सबसे युवा राष्ट्र माना जाता है, लेकिन इसके बावजूद भारत के आर्थिक विकास के लिए बेरोजगारी सबसे बड़ी चुनौती है।
भारत के पास कौषल विकास, नवाचार, अनुसंधान और विकास के माध्यम से एक ऐसा वातावरण बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, जिसमें भारत के युवा अपनी क्षमता का उपयोग कर न केवल अपने लिए बल्कि दूसरों के लिए भी, ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने में सक्षम हों। हमारा लक्ष्य भारत के प्रत्येक नागरिक को गरीबी रेखा से ऊपर लाना, प्रत्येक हाथ को काम प्रदान करना और भारत को एक समृद्ध देष बनाना है, जहां देष के प्रत्येक नागरिक को आर्थिक विकास का लाभ मिले।
परिचयः स्वावलंबी भारत अभियान (एसबीए) की अखिल भारतीय कार्यषाला का दिनांक 23 फरवरी से 25 फरवरी, 2022 तक हरियाणा भवन, कोपरनिक्स मार्ग, नई दिल्ली में आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में स्वदेषी जागरण मंच (एसजेएम), अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), सहकार भारती (एसबी), लघु उद्योग भारती (एलयूबी), ग्राहक पंचायत (जीपी), भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस), भारतीय किसान संघ (बीकेएस) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के चयनित प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
स्वावलंबी भारत अभियान, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी के मार्गदर्षन में प्रारंभ हुआ अभियान है, जो देष में बेरोजगारी की समस्या के समाधान पर केन्द्रित है। स्वदेषी जागरण मंच को इस अभियान के संचालन की जिम्मेदारी दी गई है। मंच के अखिल भारतीय सह-संयोजक प्रो. भगवती प्रकाष शर्मा इस अभियान के समन्वयक हैं।
कार्यवाहीः अभियान की तीन दिवसीय कार्यषाला का उद्घाटन डॉ. कृष्ण गोपाल जी ने किया, जिसमें सभी आठ संगठनों के 110 वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भाग लिया। विष्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री आलोक कुमार और उनकी टीम के कुछ सदस्य भी कार्यषाला में शामिल हुए। विहिप को औपचारिक रूप से इस अभियान में सम्मिलित किया गया है। स्वदेषी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह-संगठक श्री सतीष कुमार ने अभियान के उद्देष्यों और संभावित कार्य योजना को पावर प्वाइंट प्रेजेंटेषन के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस अवसर पर अभियान के विषय वस्तु तथा इसे लेकर की गयी पहल पर एक लघु फिल्म भी दिखाई गई।
पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित श्री श्रीधर वेम्बू (अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेषक, जोहो कॉर्प), श्री रूपिंदर सिंह सोढ़ी (अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेषक, अमूल), कनेरी मठ के पूज्य श्री स्वामी जी और डॉ. नरेंद्र जादव (एमपी) को स्वावलंबी भारत अभियान के संरक्षक के रूप में षामिल किया गया है। इन सभी ने उद्घाटन सत्र में कार्यषाला के प्रतिभागियों को संबोधित किया। इस अवसर पर डॉ. कृष्ण गोपाल जी ने कार्यषाला में भाग लेने वाले विभिन्न संगठनों द्वारा रोजगार सृजन, कौषल विकास और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए देष के विभिन्न हिस्सों से 101 परियोजनाओं को प्रदर्षित करने वाली, एक प्रदर्षनी का भी उद्घाटन किया।
तीन दिवसीय कार्यषाला को ग्यारह सत्रों में विभाजित किया गया था, जहां भाग लेने वाले संगठनों की 28 चयनित परियोजनाओं को उन परियोजनाओं के मुख्य संचालकों द्वारा प्रतिभागियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। प्रस्तुतकत्र्ताओं ने प्रतिभागियों से देष में अपने-अपने स्थानों पर इन परियोजनाओं को लागू कर सकने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए भी वार्तालाप किया।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अध्यक्ष डॉ. जी.आर. चिंताला, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के प्रबंध निदेषक श्री संदीप कुमार नायक और कृषि व प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) के अध्यक्ष डॉ. एम. अंगमुथु ने भी विभिन्न सत्रों में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रोजगार और उद्यमिता पैदा करने में सहायता के लिए अपने-अपने संगठनों द्वारा किए जा रहे अनुभवों, योजनाओं और सुविधाओं को साझा किया। अखिल भारतीय विष्वविद्यालय संघ की महासचिव प्रो. पंकज मित्तल ने भी अपने विचार-विमर्ष में युवाओं में उद्यमिता की भावना को पैदा करने के लिए विष्वविद्यालयों की भूमिका पर प्रकाष डाला।
अभियान की कार्य योजनाः 25 फरवरी को समापन सत्र में, प्रतिभागियों ने अभियान को एक जन आंदोलन बनाने के लिए ठोस और रणनीतिक योजनाएँ बनाईं और इस उद्देष्य के लिए देष के सभी हिस्सों में जहाँ भी संभव हो, सभी नौ संगठनों के प्रतिनिधियों का समूह बनाने का फैसला किया। सभी संगठनों के संगठनमंत्रियों ने अपने-अपने संगठनों में अभियान हेतु अपनी कार्ययोजना के बारे में बताया।
प्रषासनिक उद्देष्यों के लिए, पूरे देष को पांच अंचलों, 11 क्षेत्रों, 45 प्रांतों और 739 जिलों में विभाजित किया गया। कार्यषाला के सभी प्रतिभागियों को अभियान की केंद्रीय टीम का सदस्य बनाया गया और उन्हें प्रांत और जिला स्तरों पर सभी प्रतिभागी संगठनों के सदस्यों से मिलकर समूह बनाने का कार्य प्रदान किया गया।
इस अभियान के लिए व्यापक कार्य योजना बनाने के लिए यह निर्धारित किया गया है कि विभिन्न कार्यक्षेत्रों को गतिविधियों में विभाजित किया जाये और इनमें कौषल विकास और उद्यमिता, युवा जागरण, महिला सषक्तिकरण, डिजिटल और सोषल मीडिया, डिजिटल अभियान, विष्वविद्यालय रोजगार केंद्र, सरकारी नीतियां, अर्थषास्त्रियों और सामाजिक विचारकों के समूह, ग्राम सषक्तिकरण, कार्यक्रम क्रियान्वयन एवं कार्यषील अधोसंरचना विकसित करने के उद्देष्य से जिला स्तर पर समूह बनाये जाएँ। इसी उद्देष्य के लिए काम कर रहे अन्य संगठनों से संपर्क करने और प्रयासों को संयोजित करने के लिए प्रोत्साहित करने का भी निर्णय लिया गया।
समापन टिप्पणीः स्वदेषी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक श्री कष्मीरी लाल ने कार्यषाला की कार्यवाही का सारांष प्रस्तुत किया और राष्ट्रीय संयोजक श्री आर. सुंदरम ने सभी प्रतिभागियों और भाग लेने वाले संगठनों के पदाधिकारियों का धन्यवाद किया।