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सेवा क्षेत्र में भी आया उछाल

केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई लोक कल्याण की जो योजनाएं कोरोना की महामारी से प्रभावित हुई थी और देश के विकास की रफ्तार थम सी गई थी, अब धीरे-धीरे उसमें गुणात्मक सुधार  की तस्वीर उभरकर आने लगी है। — स्वदेशी संवाद

 

कोरोना महामारी के काल में भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे बुरी तरह से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में सेवा क्षेत्र ही था। कृषि क्षेत्र में तो अर्थव्यवस्था के इस बुरे दौर में भी लगातार वृद्धि दर बनाए रखी थी, परंतु उद्योग एवं सेवा क्षेत्रों में गुणात्मक वृद्धि दर अर्जित की थी। सेवा क्षेत्र का वापस पटरी पर लौटना पूरे देश के लिए ही एक अच्छी खबर है, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का योगदान लगभग 60 प्रतिशत का है। सेवा क्षेत्र में तेज वृद्धि दर हासिल करने का आशय यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था और भी तेज गति से आगे दौड़ने लगेगी एवं सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को 10 प्रतिशत से भी आगे ले जाने की संभावना प्रबल हो सकेगी।

अभी हाल ही में एसएंडपी ग्लोबल संस्थान द्वारा जारी की गई एक जानकारी के अनुसार भारत में सेवा क्षेत्र में गतिविधियां जून 2022 माह में पिछले 11 वर्षों के कार्यकाल में सबसे तेज गति से बड़ी है। यह भारत में अन्य क्षेत्रों तथा कृषि एवं उद्योग क्षेत्रों में मांग बढ़ने के चलते संभव हो सका है। सेवा क्षेत्र का पर चेंजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (सेवा पीएमआई) मई 2022 माह के 58.9 से बढ़कर जून 2022 माह में 59.2 हो गया है, जो अप्रैल 2011 माह के बाद का सबसे उच्च स्तर है। उल्लेखनीय है कि सेवा पीएमआई 50 अंक से ऊपर रहने का आशय है कि सेवा क्षेत्र के विकास में वृद्धि हो रही है एवं इसके 50 के नीचे रहने का आशय होता है कि सेवा क्षेत्र के विकास में कमी आ रही है।

भारत के सेवा क्षेत्र में अप्रैल-जून 2022 की तिमाही के अंतिम महा अर्थात जून 2022 में नए कार्यों में तेजी आई है और यह वृद्धि दर पिछले 11 वर्षों के दौरान सबसे अधिक पाई गई है। सेवा क्षेत्र में न केवल ग्राहकों का आधार बढ़ा है बल्कि इसके विपणन में भी बेहतरी पाई गई है। हर्ष का विषय यह है कि एक अनुमान के अनुसार सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में यह वृद्धि अगले 12 महीने तक जारी रहने की संभावना व्यक्त की गई है। उपभोक्ता सेवाओं में जून 2022 माह में आउटपुट और नए आर्डर दोनों में ही तेज वृद्धि दर्ज हुई है।

इसी प्रकार भारत के विनिर्माण गतिविधियों में प्रगति की जानकारी देने वाला मैन्युफैक्चरिंग परचेंजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) जून 2022 माह के मुकाबले मजबूत होकर जुलाई 2022 माह में 56.4 पर पहुंच गया है। जो कि जून 2022 माह में 53.9 पर था। पिछले 8 माह के दौरान पीएमआई में हुई यह सबसे तेज वृद्धि दर है। भारत में औद्योगिक क्षेत्र में उत्पादन में लगातार हो रहे सुधार, अधिक आर्डर मिलने और रोजगार में लगातार हो रही वृद्धि के कारण जुलाई 2022 माह में पीएमआई और भी बेहतर स्थिति में पहुंच गया है। औद्योगिक उत्पादन के साथ ही जून 2022 माह में 8 बुनियादी क्षेत्र के उत्पादन में भी आकर्षक 12.7 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की गई है जबकि पिछले वर्ष जून 2021 माह में इसमें 9.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जा सकी थी।

भारत के सेवा क्षेत्र एवं औद्योगिक क्षेत्र में तेज विकास दर मुख्य रूप से केंद्र सरकार द्वारा चालू की गई आधारभूत संरचना से संबंधित विभिन्न योजनाओं के चलते संभव हो सकती है। भारत में नए-नए फ्लाईओवर बन रहे हैं, नए-नए एक्सप्रेसवेज बनाए जा रहे हैं, दो लेन एवं चार लेन वाली सड़कों का तो जैसे जाल ही बिछा दिया गया है, लाखों गांव की पक्की सड़कें बनाकर शहरों के साथ जोड़ दिया गया है। पुरानी सड़कों का चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। भारतमाला, सागरमाला, चारधाम ऑल वेदर रोड, पूरे चीन बॉर्डर पर ऑल वेदर रोड, एक नई दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे जैसे वृहद प्रोजेक्ट पर कार्य भी द्रुत गति से चल रहा है। इसी प्रकार रेलवे के नए ट्रैक विकसित किए जा रहे हैं एवं समर्पित फ्रेट कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं, जिन पर सिर्फ मालगाड़ियों की आवाजाही हो सकेगी। इससे कृषि उत्पादों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर शीघ्रता से पहुंचाने में मदद मिलेगी एवं कृषि उत्पाद खराब नहीं होंगे। अहमदाबाद एवं मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन चलाने का कार्य प्रगति पर है।

केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद से आवास योजना के अंतर्गत 2.52 करोड नए आवासों का निर्माण कार्य संपन्न हुआ है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत 5.5 करोड़ घरों तक नल से जल पहुंचा दिया गया है। भारत में 12 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। जनधन योजना के अंतर्गत 45 करोड़ से अधिक बैंक खाते खुल चुके हैं। उज्जवला योजना के अंतर्गत 9 करोड़ से अधिक रसोई गैस के नए कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 12.35 करोड़ों किसानों को लाभ प्रदान किया गया है। 3 करोड़ 20 लाख से अधिक नागरिकों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ प्रदान किया गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत 80 करोड नागरिकों को लाभ प्रदान किया गया है।

देश में लगातार तेजी से बढ़ रही आर्थिक गतिविधियों का असर अब तो केंद्र सरकार द्वारा संग्रहित किए जाने वाले करो की राशियों में आकर्षक वृद्धि के रूप में देखने में आ रहा है। जुलाई 2022 माह में वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी के संग्रहण में बड़ा उछाल देखने में आया है। इस माह में जीएसटी संग्रहण 1.49 लाख करोड रुपए के दूसरे सबसे बड़े रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। यह लगातार पांचवा महीना है जब जीएसटी संग्रह 1.40 लाख करोड़ से अधिक रहा है। इससे पहले जून 2022 माह में जीएसटी संग्रह 1.45 लाख करोड रुपए, मई 2022 माह में 1.4 एक लाख करोड रुपए, अप्रैल 2022 माह में 1.68 लाख करोड रुपए एवं मार्च 2022 माह में 

1.42 लाख करोड़ का रहा था। अब तो भारतीय अर्थव्यवस्था को समृद्ध करने वाले कारकों में जीएसटी भी एक बड़ा आधार बनता जा रहा है।

सेवा क्षेत्र में आ रही तेजी के कारणों में अन्य कई कारकों में भारत में डिजिटल माध्यम से लगातार बढ़ रहे व्यवहार भी शामिल है। यूपीआई ट्रांजैक्शन ने देश में एक नया रिकॉर्ड दर्ज किया है। तेज गति से आगे बढ़ रहे यूपीआई लेनदेन ने जुलाई 2022 माह में लेनदन का आंकड़ा 600 करोड़ व्यवहारों को पार कर गया है, जो कि एक रिकॉर्ड है। नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (एनपीसीआई) के अनुसार जुलाई 2022 माह में देश में 628 करोड लेनदेन के व्यवहार हुए हैं जो करीब 10.62 लाख करोड़ रुपए के रहे हैं। जून 2022 माह में यह लेनदेन 10.14 लाख करोड़ रुपए के रहे थे। भारत में वर्ष 2016 में यूपीआई पेमेंट सिस्टम की शुरुआत हुई थी। 

केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई लोक कल्याण की जो योजनाएं कोरोना की महामारी से प्रभावित हुई थी और देश के विकास की रफ्तार थम सी गई थी, अब धीरे-धीरे उसमें गुणात्मक सुधार  की तस्वीर उभरकर आने लगी है। कृषि के बाद उद्योग और अब तो सेवा के क्षेत्र में भी अनेकों अवसर निकल रहे हैं। उम्मीद की जा सकती है कि अर्थव्यवस्था अपेक्षित रफ्तार से अब आगे बढ़ती जायेगी।

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