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‘युवा देश की आर्थिक प्रगति के सबसे बड़े इंजन’

भारत के युवा देश की आर्थिक प्रगति के सबसे बड़े इंजन है। हमें अपने युवाओं में कौशल विकास करना है। हरियाणा प्रांत भारत में रोजगार के सृजन करने में मदद करेगा। यह बातें स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह संगठक सतीश कुमार ने कहीं।

श्री सतीश कुमार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के गुलजारी लाल नंदा अध्ययन केंद्र में स्वदेशी उद्यमिता दिवस पर (कौशल, उद्यमिता व रोजगार) हरियाणा प्रांत व जिला रोजगार सृजन केंद्र के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कौशल विकास ने रोजगार एवं स्वरोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं। स्वरोजगार से हम भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि बेरोजगारी के समाधान का जो मॉडल हरियाणा प्रस्तुत करेगा। वह मॉडल पूरे भारत वर्ष में उदाहरण बनेगा, इसलिए हम पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। बेरोजगारी को लेकर सरकार एवं स्वदेशी जागरण मंच जैसी संस्थाओं की ओर से स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार एवं रोजगार सृजन के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। रोजगार सृजन केंद्र रोजगार क्रांति का केंद्र बिंदु है।

इससे पहले सतीश कुमार, सांसद नायब सिंह, थानेसर विधायक सुभाष सुधा, आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव धीमान, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, सुधीर कुमार ने डॉ. मधुर की पुस्तक इंडियन इकोनॉमी का विमोचन भी किया। वहीं स्वावलंबन अभियान के तहत केयू के ललित कला विभाग की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

सांसद नायब सिंह ने कहा कि बेरोजगारी देश की गंभीर समस्या है। हर युवा को रोजगार की आवश्यकता है। इस दिशा में सरकार कार्य कर रही है। परंपरागत व्यापार एवं कार्य कौशल को पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ाना चाहिए। उन्होंने केंद्र को 11 लाख तथा विधायक सुभाष सुधा ने पांच लाख रुपये देने की घोषणा भी की।

कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि युवाओं में स्वदेशी स्वावलंबन का स्वभाव जागृत करना व गरीबी मुक्त एवं सम्पूर्ण रोजगारयुक्त भारत बनाने के लिए हमें धरातल पर कार्य करना होगा और रोजगार केंद्रित शिक्षा एवं नीतियां बनानी होगी। हमारी नीतियों में विद्यार्थियों को रोजगार की वास्तविक स्थिति का पता होना भी जरूरी है। इस मौके पर डॉ. अंकेश्वर प्रकाश, प्रो. ओमप्रकाश अरोड़ा, डॉ. कृष्ण जाटियान, डॉ. दीपक राय बब्बर आदि मौजूद रहे।

इस दौरान लगायी गयी प्रदर्शनी में स्वरोजगार के विभिन्न व्यवसायों को चित्रकला, मूर्तिकला, म्यूरल, छापाकला, छायाचित्रण और व्यावसायिक कला के माध्यम से दर्शा कर आत्मनिर्भरता का संदेश दिया गया। प्रदर्शनी में विद्यार्थियों द्वारा क्राफ्ट कार्य, पत्थर नक्काशी, मेटल कास्टिंग, पेपर मेकिंग, ब्लॉक प्रिंटिंग, ज्वेलरी आदि हस्तनिर्मित कलाओं का संयोजन कर दर्शकों को आकर्षित किया।

https://www.amarujala.com/haryana/kurukshetra/the-biggest-engine-of-economic-progress-of-the-young-country-kurukshetra-kurukshetra-news-knl130346775
 

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