बजट में विकसित भारत का लक्ष्य संजोते हुये इस विकास यात्रा के लिए चार शक्तिशाली इंजन की बात की गई है जो कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात है और उसका ईंधन हैं आर्थिक सुधार। - अनिल जवलेकर
भारतीय राजधानी नई दिल्ली विधानसभा चुनाव ने यह साबित कर दिया है कि केंद्रीय अर्थ संकल्प 2025-26 ठीक समय पर पेश किया गया और इसमें किए आर्थिक प्रस्तावों ने जनता का दिल जीत लिया। परिणामस्वरूप भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव भारी बहुमत से जीत लिया। वैसे पिछले कुछ वर्षों से अर्थ संकल्प को लेकर आम जनता में एक प्रकार की उदासीनता देखी जा रही थी। इसके विपरीत, इस वर्ष के अर्थ संकल्प में व्यक्तिगत आयकर दरों में किए गए बदलाव और 12 लाख रुपये तक की आय पर कर-मुक्ति के कारण मध्यम वर्ग में उत्साह दिखाई दिया। अर्थ संकल्प के प्रति जनता की उदासीनता का मुख्य कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में आ रही सामान्य स्थिरता कहा जा सकता है। ऐसी स्थिरता के दौर में अर्थव्यवस्था प्रगतिशील रहती है और समय के साथ उत्पन्न होने वाली समस्याओं के अनुसार अपेक्षित बदलावों को सहज रूप से समाहित कर लेती है। इसलिए किसी बड़े, मूलभूत या कठोर निर्णय की आवश्यकता नहीं होती। ऐसी स्थिति में सरकार भी अपने नीतिगत फोकस को आर्थिक मुद्दों से समाज कल्याण की दिशा में मोड़ सकती है। भारतीय अर्थव्यवस्था में आ रही इस स्थिरता का श्रेय निश्चित रूप से वर्तमान सरकार को दिया जाना चाहिए। यह पिछले दस वर्षों में लागू की गई नीतियों का परिणाम है। हालांकि, इसका यह अर्थ नहीं है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने वाली घटनाएँ नहीं होतीं। ऐसी घटनाएँ घटित होती रहती हैं, कभी जानबूझकर राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी उत्पन्न की जाती हैं। साथ ही, इस स्थिरता का अर्थ यह भी नहीं है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने कोई चुनौतियाँ नहीं हैं। बेरोजगारी और कृषि उत्पादन व उत्पादकता की समस्या आज भी विद्यमान है। महंगाई भी समय-समय पर चिंता का विषय बनती रहती है। कृषि विकास का वास्तविक लाभ सामान्य किसान तक नहीं पहुँच पाता, यह भी ध्यान में रखने की आवश्यकता है। इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक और आर्थिक परिस्थितियों का प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ता ही है, जिससे अर्थव्यवस्था की स्थिरता खतरे में पड़ सकती है। ऐसे समय में यह नया अर्थ संकल्प यह संकेत देता है कि सरकार किस प्रकार विकास की दिशा में आगे बढ़ रही है और साथ ही आर्थिक स्थिरता को बनाए रखते हुए विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रही है।
अर्थ संकल्प नई दिशा
‘आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25’ भारत की अर्थव्यवस्था के मजबूत और स्थिर विकास पथ को उजागर करता है। इसके मुताबिक बुनियादी ढांचे में निवेश, वित्तीय स्थिरता, और दीर्घकालिक सुधारभारत के विकास को गति देंगे। हालाँकि मुद्रास्फीति, वैश्विक अस्थिरता, और कृषि उत्पादकता जैसे मुद्दे चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं। भारत की अर्थव्यवस्था निरंतर लचीली और प्रतिस्पर्धी बनी हुई है, जो आने वाले वर्षों में विश्व अर्थव्यवस्था के प्रमुख स्तंभ के रूप में उभरने की क्षमता रखती है। इसलिए अर्थ संकल्प नई दिशा को स्पष्ट करते हुए विकास की बात करता है। यह अर्थ संकल्प विकास में तेजी लाने, समावेशी विकास सुनिश्चित करने, निजी क्षेत्र के निवेशों में नई जान डालने, सामान्य परिवारों के मनोभावों में उल्लास भरने, और भारत के बढ़ते मध्यम वर्ग की खर्च करने की शक्ति को बढ़ाने के सरकार के प्रयासों में स्पष्टता लाता है।
क्या है विकास में तेजी का अर्थ
अर्थ मंत्री ने यह स्पष्ट करते हुए कहा है कि विकास का अर्थ गरीबी से मुक्ति, शत प्रतिशत अच्छे स्तर की स्कूली शिक्षा, बेहतरीन, सस्ती और सर्वसुलभ स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच, शत-प्रतिशत कुशल कामगार के साथ सार्थक रोजगार, आर्थिक गतिविधियों में सत्तर प्रतिशत महिलाएं, और हमारे देश को ‘फूडबास्केट ऑफ द वर्ल्ड’ बनाने वाले किसान। इस अर्थ संकल्प में प्रस्तावित विकास उपाय गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी को ध्यान में रखकर दस व्यापक क्षेत्रों तक फैला हुआ है। जिसमें कृषि के विकास और उत्पादकता को गति प्रदान करना, ग्रामीण संपन्नता और अनुकूलन निर्माण, समावेशी प्रगति के पथ पर सबको साथ लेकर चलना, भारत में विनिर्माण बढ़ाना और ‘मेक इन इंडिया’ को और आगे ले जाना, छोटे एवं माध्यम उद्योगों को सहायता देना, रोजगार द्वारा विकास को समर्थ बनाना, जनता, अर्थव्यवस्था और नवाचार में निवेश करना, ऊर्जा आपूर्तियां सुनिश्चित करना, निर्यात को बढ़ावा देना, और नवाचार को पोषित करना। बजट में विकसित भारत का लक्ष्य संजोते हुये इस विकास यात्रा के लिए चार शक्तिशाली इंजन की बात की गई है जो कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात है और उसका ईंधन हैं आर्थिक सुधार।
क्या कुछ है अर्थ संकल्प में ?
1. सबसे पहले किसान और कृषि की बात। पहले से चल रहे उपक्रम जैसे, राष्ट्रीय विकास योजना, बीमा फसल योजना, किसान सम्मान, किसान मानधन, समर्थन मूल्याधारित खरीद तथा कृषि विकास में सहायक ऐसी सारी योजनाएँ जिनका कृषि विकास और किसान को सीधे मदद मिलने में अच्छा योगदान रहा है, वे जारी रहेंगी। नए उपक्रम में बदलते पर्यावरण में उपयोगी बीजों का संशोधन और उत्पादन, मखाना बोर्ड, फल-सब्जी तथा दाल के उत्पादन में बढ़त के लिए योजना, कृषि उत्पादन में विविधता लाना, ब्याज राहत की सीमा तीन लाख से बढ़ाकर पाँच लाख करना वगैरे शामिल है, जिसका कृषि और किसान को लाभ ही मिलेगा।
2. सीधा लाभ मध्यम वर्ग को मिलेगा। 12 लाख रुपए तक आयकर से मुक्त करना सबसे बड़ी राहत कही जा सकती है। कर-दर में बदलाव भी बहुत से आयकर दाताओं को लाभ पहुंचाएगा। अर्थमंत्री का यह आश्वासन कि कर व्यवस्था सरल की जाएगी और कानूनी दावे खासे कम होंगे, यह अपने आपमें बड़ा कदम है।
3. भारतीय सामान्यों के लिए डाकघर आज भी संपर्क और निवेश का साधन बना हुआ है। लेकिन निजीकरण के दौर में यह व्यवस्था पीछे छूट गई थी। इसलिए इसका उल्लेख कर अर्थ संकल्प में प्रोत्साहन देना अच्छी बात कही जाएगी। 1.5 लाख ग्रामीण डाकघरों वाले भारतीय डाक को भारतीय डाक पेमेंट बैंक और 2.4 लाख डाक सेवकों के विशाल नेटवर्क की सहायता से ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने के लिए तैयार किया जाएगा तथा भारतीय डाक को विशाल सार्वजनिक लॉजिस्टिक संगठन के रूप में बदला जाएगा। इससे विश्वकर्माओं, नए उद्यमियों, महिलाओं, स्व-सहायता समूहों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों तथा बड़े कारोबारी संगठनों की बढ़ती आवश्यकताओं की पूर्ति होगी।
4. अर्थ संकल्प में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के लिए भी उपयुक्त बहुत कुछ है, जैसे कि गारंटी कवर के साथ ऋण उपलब्धता में पर्याप्त वृद्धि करना, सूक्ष्म उद्यमों के लिए क्रेडिट कार्ड देना, स्टार्ट-अप के लिए निधियों का कोष बनाना, पहली बार के उद्यमियों के लिए नई योजना, श्रम-सघन क्षेत्रों के लिए उपाय, फुटवियर और लेदर क्षेत्रों के लिए फोकस प्रोडक्ट स्कीम, खिलौना क्षेत्र के लिए उपाय, खाद्य प्रसंस्करण के लिए सहायता, विनिर्माण मिशन - ‘मेक इन इंडिया’ को आगे बढ़ाना, स्वच्छ प्रौद्योगिकी विनिर्माण इत्यादि।
अर्थ संकल्प में जिस बात का उल्लेख होना जरूरी है, वह है - लोगों में निवेश। इसको ध्यान रखते हुए अर्थमंत्री ने कुछ घोषणाएँ की है जिसमें सक्षम आंगनवाड़ी, सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) के लिए ब्रॉडबैण्ड कनेक्टिविटी, भारतीय भाषाओं में डिजीटल रूप में पुस्तकें प्रदान करने के लिए भारतीय भाषा पुस्तक योजना, चिकित्सा शिक्षा का विस्तार, शहरी आजीविका सुदृढ़ीकरण, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कामगारों के कल्याण के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना लाभकारी होगी।
केंद्रीय ‘अर्थ संकल्प 2025-26’ समावेशी और दूरदर्शी है, जो न केवल आर्थिक विकास को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों की आवश्यकताओं को भी ध्यान में रखता है। यह अर्थ संकल्प भारतीय अर्थव्यवस्था को एक स्थिर और प्रगतिशील दिशा में ले जाने का मार्गदर्शन करेगा, जिससे भारत वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में अपनी मजबूत स्थिति बनाए रख सकेगा।