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स्वावलंबी भारत अभियान की ओर से भारतीय उद्यमिता उत्सव आयोजित

स्वावलंबी भारत अभियान (एसबीए) और औद्योगिक विकास संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में चैंपियन अवार्ड नामक अग्रणी उद्यमिता पुरस्कार समारोह का भव्य आयोजन किया गया। देश की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में दिनांक 2 मार्च 2024 को आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज तथा स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक श्री आर. सुंदरम की उपस्थिति रही। कार्यक्रम में स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय संगठक श्री कश्मीरी लाल, अखिल भारतीय सह-संयोजक प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा व डॉ. अश्वनी महाजन, सह संगठक श्री सतीश कुमार सहित स्वावलंबी भारत अभियान तथा स्वदेशी जागरण मंच के बड़े पदाधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। औद्योगिक विकास संस्थान की टीम का नेतृत्व श्री मुकेश शुक्ला ने किया।

दो सत्रों में आयोजित भव्य पुरस्कार समारोह के अवसर पर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी ने आशीर्वचन प्रकट करते हुए कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की। ‘व्यापारे बसते लक्ष्मीः’ का उद्धरण देते हुए स्वामी जी ने कहा कि ‘धर्मस्य मूलं अर्थः’। जीवन की चतुर्दिक उन्नति के लिए व्यापार की व्यापकता, सर्वसुलभता, तथा जनकल्याण की उदारता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि परिश्रम एक पूजा है जो कोई भी व्यक्ति परिश्रम की पूजा में ध्यानचित् होकर काम करता है, उसे सफलता अवश्य मिलती है। स्वामी जी ने केंद्र की वर्तमान सरकार द्वारा सनातन मूल्यों को लेकर किए जा रहे कार्यों का विशेष उल्लेख किया तथा राम मंदिर निर्माण पर हर्ष प्रकट करते हुए कामना की कि सरकार के इस कदम से अगले हजारों साल का रास्ता प्रशस्त हुआ है।

इस क्रम में अपनी बात रखते हुए श्री आर. सुन्दरम ने कहा कि भारत प्राचीनकाल में पूर्ण रोजगारयुक्त समाज रहा है। स्वदेशी की भावना से जुड़कर हम फिर से समृद्ध भारत का सपना पूरा कर सकते हैं, जिसमें हर हाथ को उसकी दक्षता, क्षमता, कार्यकुशलता के हिसाब से काम दिया जा सकता है। प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच द्वारा चलाए जा रहे स्वावलंबी भारत अभियान की पृष्ठभूमि पर चर्चा करते हुए भविष्य की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि गरीबी से मुक्ति और रोजगारपरक समाज तैयार करने की दिशा में यह अभियान रामबाण साबित हो रहा है। इस मौके पर श्री सतीश कुमार द्वारा लिखित भारत/2047 का लोकार्पण भी किया गया।  

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