एक के बाद एक संगठन निर्माण करना, राष्ट्रहित में उन संगठनों और कार्यकर्ताओं को प्रेरित करना और लक्ष्य प्राप्ति पर पूर्ण विश्वास, भविष्य के बारे में भी निश्चित दिशा बताना, यह सब ठेंगड़ी जी ने किया है। पुर्नजागरण, स्वर्णयुग, विकास के शीर्ष स्थान पर पहुंचकर विश्व का नेतृत्व करने का सपना ठेंगड़ी जी ने देखा था। श्री गुरुजी के प्रति अपार श्रद्धा, विश्वास उनका प्रेरणा केंद्र था