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केंद्रीय बजटः 2022-23 - विकासोन्मुखी लेकिन रोजगार के लिए प्रयास कम 

स्वदेशी जागरण मंच का मानना है कि 2022-23 का केंद्रीय बजट विकासोन्मुखी बजट है, जिसमें डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, पीने योग्य पानी और गरीबों के लिए आवास सहित विभिन्न प्रकार के बुनियादी ढांचे के विकास पर पर्याप्त जोर दिया गया है। पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान को बढ़ावा देने से अधिक कुशल बुनियादी ढांचे और उत्पादन लागत में कमी आएगी और अर्थव्यवस्था प्रतिस्पर्धी बनने की दिशा में बढ़ेगी। बजट में पूंजीगत व्यय को 35 प्रतिशत उछाल के साथ 7.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक तक ले जाने से देश में भविष्य के विकास की संभावनाओं में सुधार हो सकता है।

हमें यह जानकर भी प्रसन्नता हो रही है कि आत्मानिर्भर भारत के लिए अपने जोर को जारी रखते हुए, वित्तमंत्री ने घरेलू उद्योग के संरक्षण के लिए स्पष्ट दृष्टिकोण अपनाया है, जो वैश्वीकरण के अत्यधिक जुनून के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हमें यकीन है कि प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव (पीएलआई) योजना इन क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। हमें उम्मीद है कि सेमी-कंडक्टर और सौर ऊर्जा उपकरणों के उत्पादन की ओर घोषित प्रयास इन क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।

सहकारी क्षेत्र के लिए न्यूनतम 15 प्रतिशत कर की घोषणा और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों की इक्विटी पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर कर अधिभार की सीमा को 15 प्रतिशत तक घटाया जाना, न केवल विसंगति को समाप्त करेगा, बल्कि अधिक घरेलू निवेशकों को आकर्षित करने में मदद करेगा। स्टार्ट-अप के लिए टैक्स फ्री हॉलिडे को आगे जारी रखना भी एक स्वागत योग्य कदम है। 31 मार्च 2024 तक एमएसएमई क्षेत्र में नई इकाइयों के लिए 15 प्रतिशत कम कर की घोषणा भी स्वागत योग्य है।

हम प्राकृतिक खेती, शून्य बजट खेती और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी बजट की सराहना करते हैं। हम 2023 को राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित करने की सरकार की घोषणा का भी स्वागत है, हालांकि, हमें लगता है कि रसायन मुक्त खेती के प्रयास को केवल एक सीमित क्षेत्र तक सीमित करने के बजाय, इसे देश के अधिक हिस्सों में विस्तारित किया जाना चाहिए, जहां खेती में केवल सीमित रसायनों का ही उपयोग किया जाता है। किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) हमारे नए ग्रामीण स्टार्टअप हैं और उनमें सदस्यता की आवश्यकता को घटाकर 50 तक करने सहित एफपीओ के गठन की प्रक्रिया को सरल बनाने की आवश्यकता है। नए एफपीओ के लिए वित्तीय सहायता की भी तत्काल आवश्यकता है।

स्वदेशी जागरण मंच बजट में देश में लघु उद्योगों को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन की दिशा में बहुत सीमित प्रयासों के लिए अपनी चिंता व्यक्त करता है। हम समझते हैं कि देश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने की तत्काल आवश्यकता है, जिसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों को उद्यमिता विकास कार्यक्रमों (ईडीपी) को आगे बढ़ाने, छोटे व्यवसायों के लिए अधिक धन और बीज पूंजी लगाने की जरूरत है, जो युवाओं को अपना उद्यम शुरू करने के लिए प्रेरित कर सके। देश के प्रत्येक जिले में एक उद्यमिता विकास केंद्र की आवश्यकता है। हम लघु उद्यमों के ऋणों के लिए गारंटी कवर का विस्तार करके एमएसएमई क्षेत्र को अधिक उधार देने की योजना का भी स्वागत करते हैं। तथापि, हमें लगता है कि इक्विटी सब्सिडी के रूप में सरकारी सहायता एक ऐसा उपाय है जिसकी तत्काल आवश्यकता है।

हालांकि बजट 2022-23 में आभासी डिजिटल संपत्ति से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाने और प्राप्तकर्ताओं के हाथों आभासी डिजिटल संपत्ति के उपहार पर कर लगाने का प्रावधान किया गया है, स्वदेशी जागरण मंच का दृढ़ विश्वास है कि क्रिप्टो के लेनदेन से उत्पन्न राष्ट्रीय सुरक्षा, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य संबंधित खतरों के मद्देनज़र निजी क्रिप्टो मुद्राओं पर प्रतिबंध ही एकमात्र समाधान है। हालाँकि, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (ब्ठक्ब्) जारी करने की घोषणा एक स्वागत योग्य कदम है।

डॉ अश्विनी महाजन, राष्ट्रीय सह संयोजक

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