वंचितों को मिले आर्थिक सहायता, मनरेगा का कोष भी बढ़ेः स्व.जा.मं.
स्वदेशी जागरण मंच ने सरकार को सुझाव दिया है कि वह अपनी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिये कोष में “खासी वृद्धि” करे और वंचित वर्ग को मुफ्त अनाज के अतिरिक्त आर्थिक मदद भी मुहैया कराए।
मंच की दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पारित एक प्रस्ताव में यह सुझाव भी दिया गया कि सरकार को कोविड-19 महामारी के कारण लागू लॉकडाउन से सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों जैसे निर्माण, मत्स्यिकी और बागबानी आदि के लिये “सॉफ्ट लोन (बिना ब्याज या कम ब्याज दर पर कर्ज)” के रूप में “विशिष्ट प्रोत्साहन” देने पर विचार करना चाहिए।
मंच ने कहा, “यह एक पूर्व निष्कर्ष है कि स्वास्थ्य खर्च में बढ़ोतरी और रोजगार के कम अवसरों ने गरीबों के घर के आर्थिक हालात को और खराब किया है, गरीबी का स्तर बढ़ा है और धन के वितरण में असमानता आई है।”
कोरोना से देश में अभूतपूर्व मुश्किल स्थिति में स्वदेशी जागरण मंच का सुझाव है कि मुफ्त अनाज के अलावा समाज के कमजोर वर्ग को आर्थिक सहायता पर विचार करने के साथ ही ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम योजना) के कोष में वृद्धि की जाए।
मंच ने यह भी सुझाव दिया है कि आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना का विस्तार “कुछ और महीनों के लिये” किया जाना चाहिए और इसका दायरा महामारी प्रभावित अन्य क्षेत्रों के लिये भी बढ़ाया जाना चाहिए।