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विनिवेश के फैसले पर पुनर्विचार होः स्वदेशी जागरण मंच

स्वदेशी जागरण मंच ने बजट में सरकारी कंपनियों बीपीसीएल, एअर इंडिया, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई), कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई), पवन हंस और भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएस) आदि कई कंपनियों के विनिवेश के ऐलान का विरोध करते हुए कहा कि विनिवेश करने की घोषणा एक बड़ी चिंता का कारण है। सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एक बीमा कंपनी के निजीकरण की घोषणा भी चिंताजनक है।

मंच के राष्ट्रीय संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि यह बेहतर होता कि इन उपक्रमों के रणनीतिक विनिवेश करने के बजाए, इन उद्यमों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के प्रयास किए जाते और उसके बाद बाजार में केवल उनकी इक्विटी का विनिवेश किया जाता। करदाताओं के पैसे से बनाए गए उद्यमों का रणनीतिक विनिवेश सही नहीं है। इक्विटी प्रदर्शन के माध्यम से बिक्री उनके प्रदर्शन में सुधार के बाद एक बेहतर और पारदर्शी विकल्प होगा।

स्वदेशी जागरण मंच ने निराशा जताते हुए कहा कि बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करना भी चिंताजनक है, क्योंकि वित्तीय क्षेत्र में विदेशी प्रभुत्व बढ़ाना विवेकपूर्ण कदम नहीं है। इससे देश के वित्तीय संसाधनों पर विदेशी प्रभुत्व बढ़ता है और देश के विकास पर असर पड़ता है। इससे पहले सरकार ने बजट के जरिए विनिवेश से 1,75,000 करोड़ रुपये की अनुमानित प्राप्तियां का लक्ष्य रखा। वित्तमंत्री ने कहा कि पीसीएल, एअर इंडिया, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, बीईएमल, पवन हंस, नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड आदि का रणनीतिक विनिवेश 2020-21 में पूरा हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में सरकार ने अपनी हिस्सेदारी बेचकर 2.1 लाख करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य रखा, लेकिन यह पूरा नहीं हो सका था।

https://www.aajtak.in/business/budget/story/swadeshi-jagaran-manch-sjm-raises-questions-on-disinvestment-and-fdi-in-insurance-union-budget-2021-1201388-2021-02-02
 

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