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केंद्रीय कार्यसमिति बैठक- भाग्यनगर, हैदराबाद (तेलंगाना) (20-21 सिंतबर, 2025)

केंद्रीय कार्यसमिति बैठक 

भाग्यनगर, हैदराबाद (तेलंगाना)

(20-21 सिंतबर, 2025)

 

स्वदेशी जागरण मंच की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक 20 एवं 21 सितंबर 2025 को उस्मानिया विश्वविद्यालय, भाग्यनगर में सम्पन्न हुई। बैठक में स्वदेशी जागरण मंच सहित किसान संघ, विद्या भारती, सहकार भारती, भारतीय जनता पार्टी, सेवा भारती, कनेरी मठ एवं बड़े व्यापारी संगठन कैट के प्रतिनिधियों सहित 65 वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक का आरम्भ मंच के अखिल भारतीय (अ.भा.) संयोजक श्री आर. सुन्दरम, अ.भा. संगठक श्री कश्मीरी लाल, अ.भा. सह-संयोजक प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा, डॉ. अश्वनी महाजन, प्रो. राजकुमार मित्तल, अ.भा. सह-संगठक श्री सतीश कुमार, महिला प्रमुख श्रीमती अर्चना मीना द्वारा भारत माता, पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जी एवं श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्ज्वलन एवं भारत माता की जयघोष के साथ हुआ।

प्रारम्भ में श्री सतीश कुमार, अ.भा. विचार विभाग प्रमुख डॉ राजीव कुमार द्वारा मंचासीन अधिकारियों एवं  स्वावलम्बी भारत अभियान में सहयोगी संगठनों भारतीय किसान संघ से श्री कुमारस्वामी, सेवा भारती से श्री विनोद बिडला, सहकार भारती से श्री विनय खटावकर, भाजपा से श्री एच. राजा, विद्या भारती से श्री ज्वाला प्रसाद, कैट से श्री बी.एल. भरतिया, कनेरी मठ से श्री रविन्द्र सिंह का परिचय कराया गया।

प्रस्ताविक भाषण में स्वदेशी जागरण मंच के अ.भा. संयोजक श्री आर. सुन्दरम ने पहलगाव की घटना एवं सिंदूर ऑपरेशन के बाद भारतीय उद्यमियों, निर्यातकों एवं व्यापारियों के लिए उत्पन्न चुनौतिपूर्ण स्थिति को करोना काल के समान अवसर बताया, जो केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर चुनौतिपूर्ण है। जिसमें कुछ समय के लिए कठिनाई जरूर होगी लेकिन इसका समाधान भी भारतीय उद्यमी, निर्यातक एवं व्यापारी निकाल कर देश को निरंतर विकास की ओर ले जाने में समर्थ होंगे।

श्री सतीश कुमार ने राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक में आयाम, आंदोलनों एवं अभियानों की वैचारिक चर्चा के बाद  क्षेत्रों से आये कार्यकर्ताओं की जानकारी ली। सभी 11 क्षेत्रों का कार्यवृत्त निवेदन हुआ। वृत निवेदन में पिछले तीन माहों में स्वावलम्बी भारत अभियान, स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलम्बन अभियान के अंतर्गत किये गये कार्य विस्तार, प्रवासों, रैलियों, पत्रक-वितरण, व्यापारिक संगठनों से सम्पर्कों इत्यादि की जानकारी क्षेत्र संयोजकों द्वारा दी गयी।

दक्षिण क्षेत्र का वृत निवेदन क्षेत्र समन्वयक श्री सत्यनारायण, दक्षिण मध्य क्षेत्र का क्षेत्र संयोजक डॉ एस. लिंगामूर्ति, पश्चिम क्षेत्र का क्षेत्र समन्वयक श्री विनय खटावकर, मध्य क्षेत्र का क्षेत्र संयोजक श्री सुधीर दाते, राजस्थान क्षेत्र का क्षेत्र संयोजक श्री सतीश आचार्य, उत्तर क्षेत्र का क्षेत्र समन्वयक श्री राजेश गोयल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र का क्षेत्र संयोजक श्री अमितेश अमित, पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र का क्षेत्र संयोजक श्री अनुपम श्रीवास्तव, बिहार झारखंड क्षेत्र का क्षेत्र संयोजक श्री अमरेन्द्र, पूर्वी क्षेत्र का क्षेत्र संयोजक श्री आशुतोष मुखर्जी, पूर्वोत्तर क्षेत्र का क्षेत्र समन्वयक डॉ. तरनी डेका ने कार्यवृत्त प्रस्तुत किया।

डॉ. राजीव कुमार ने स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलम्बन अभियान की पृष्ठभूमि में पहलगांव की आंतकवाद की घटना तथा फिर भारत सरकार द्वारा जवाब देने से लेकर दिल्ली में देशभर के 500 से अधिक सामाजिक, आर्थिक, किसान, उद्योग संगठनों के समर्थन देने से दिनांक 12 जून 2025 को एन.सी.यू.आई. के सहकारिता भवन दिल्ली में स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलम्बन अभियान की शुरूआत करने तथा देश के सभी 45 प्रांतों में स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलंबी भारत अभियान के विषय में जानकारी दी।

श्री सतीश कुमार ने स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलम्बन अभियान की गति बढाने के लिए कार्यकर्ताओं से चर्चा की, जिसमें अनेक सुझाव आये। सर्वप्रथम सभी की सहमति से तय हुआ कि स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलंबन अभियान को अब स्वदेशी स्वावलंबी भारत अभियान के नाम से जाना जायेगा।

प्राप्त सुझावों में प्रमुख रुप से प्रत्येक जिले में स्वदेशी संकल्प यात्राओं का आयोजन, जिलों में मोटरसाईकिल यात्रा, प्रचार कार्यक्रम पर जोर, जगह-जगह स्वदेशी मेलों का आयोजन, अभियान को महापुरूषों धार्मिक कार्यकमों से जोडना, स्वदेशी उत्पादों को उपयोग में लेने पर लगातार चर्चा करना, जिला स्तर पर व्यापारियों के साथ हर माह बैठक करना, कार्यकर्ताओं का परिवार मौहल्ले के अन्य 5 परिवारों को स्वदेशी परिवार के लिए तैयार करना, हर जिले में स्वदेशी दुकान अथवा स्वदेशी स्टोर खुलवाना आदि।

इसके बाद श्री सतीश कुमार ने कार्यकर्ताओं के साथ अभियान को लेकर पाँच सूत्रों पर चर्चा की-

  1. छोटे-बड़े व्यापारियों को अभियान का वाहक बनाना, 
  2. शैक्षणिक संस्थानों को अभियान से जोडना, 
  3. धार्मिक सन्त समाज, आध्यात्मिक महापुरुषों को अभियान से जोड़ना,
  4. सामाजिक संगठनों के प्रमुखों के माध्यम से अभियान को समाज तक ले जाना, 
  5. प्रचार के माध्यम से अभियान को जन आन्दोलन बनाना। 

स्वदेशी शोध संस्थान की सचिव डॉ सरबजीत कौर ने स्वदेशी शोध संस्थान के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि शोध संस्थान 2018 से कार्य में आया, जो कृषि, विनिर्माण, सेवा सेक्टर के क्षेत्र में शोध कार्य करेगा। उन्होंने शोध संस्थान के लिस्ट ऑफ चेप्टर में हरियाणा, चण्डीगढ, चैनई, पंजाब, रिसर्च पेपर, बुक, न्यूजलेटर एवं इन्टरनेशनल कॉन्फ्रेंस एवं क्रियाकलापों के विषय पर चर्चा की।

स्वर्णिम भारतवर्ष फाउंडेशन के चेयरमैन श्री सतीश चावला ने स्वर्णिम भारत फाउण्डेशन के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि सेक्शन-8 कम्पनी होने के कारण दानदाता को हाथों-हाथ ऑनलाइन आयकर में छूट की रसीद मिलती है, पहले 28 प्रांतों में और अब 10 अन्य खातें खुलने से कुल 38 प्रांतों में स्वर्णिम भारत फाउण्डेशन के खाते खुल चुके हैं।

श्री हिमांशु जोशी ने पीपीटी की सहायाता से वित्त प्रबंधन, कार्यालय एवं स्वावलम्बी केंद्र की जानकारी के साथ ही 45 प्रांतों में से 30 प्रांतों में पूर्णकालिक कार्यकर्ता होने की जानकारी दी ।

श्री बटुकेश्वर झा (प्रांत समंवयक, बंगाल) ने कोलकाता में आयोजित उद्यमिता संगम के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस आयोजन में प्रथम श्रेणी के उद्यमियों को प्रोत्साहन के लिए 950 युवाओं की सहभागिता सहित  480 उद्यमी, विद्यार्थियों एवं अन्य समविचारी संगठन के कार्यकर्ताओ के साथ ही निदेशक आई.आई.टी. खडकपुर भी उपस्थित हुए।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बालकृष्ण भरतिया ने नागपुर में आयोजित स्वदेशी व्यापारी जुटान के संबंध में बताया कि व्यापारी जुटान में 46 संगठनों को निमंत्रण दिया गया, जिसमें 43 संगठन एवं 40 से अधिक रेडी-पटरी वाले छोटे व्यापारी भी उपस्थित हुए। इसमें हॉकरों की समस्या, ई-कॉमर्स के लिए आवश्यक नियमों को कड़ाई से पालन एवं व्यापार केडिट कार्ड की सुविधा आदि विषयों पर व्यापारियों ने अपनी बातें, सुझाव दिए।

भारत में स्वदेशी उत्पादों की खपत बढ़ाने की चर्चा के साथ सयुक्त घोषणा कर अभियान को तहसील, कस्बों तक ले जाने, अभियान को सयुक्त रूप से चलाने के लिए पूर्णकालिक कार्यकर्ता लगाने, स्वदेशी कोष निर्माण, ऑन लाईन व्यापार के लिए नियामक बोर्ड गठन पर सहमति बनी।

श्री राधेश्याम चोयल ने डिजिटल माई.एस.बी.ए. वेबसाईट की जॉब, करियर, स्वदेशी स्टॉल्स, समाचार, सहित आगामी योजनाओं के बारे में जिसमें साहित्य, स्वदेशी गीत एवं नारों के साथ ही कार्यकर्ताओं, व्यापारियों, नये उद्यमियों एवं ग्राहकों के साथ जुड़ने के संबंध में जानकारी दी।

डॉ राजकुमार चतुर्वेदी (अ.भा. सम्पर्क प्रमुख) ने प्रजनन दर-युवा जनसंख्या विकास पर देश की वर्तमान स्थिति, भविष्य में देश पर पडने वाले प्रभाव, विश्व के संदर्भ में भारत, भारत में बदलती परिवार पद्धति पर पीपीटी के माध्यम से चर्चा की गई। इसके बाद दो पुस्तकों, जिनमें डॉ राजकुमार चतुर्वेदी द्वारा लिखित ‘युवा जनसंख्या-समृद्धि का आधार’ एवं डॉ सुनिता बर्थवाल जी द्वारा लिखित पुस्तक ‘स्वदेशी आत्मशक्ति’ का विमोचन हुआ।

श्री विनोद बिडला (सेवा भारती) के अनुसार सेवा भारती में चार आयाम में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलम्बन एवं सेवा है, जिसमें स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत 1071 सिलाई केंद्र, 222 मेहंदी केंद्र, 5 नर्सरी, 166 कम्प्यूटर सेंटर, 10 प्रतियोगिता प्रशिक्षण केंद्र, 4 गौ उत्पाद केंद्र, 18 कोटेज, 272 हेण्डीकाफ्ट, 62 स्वरोजगार सेंटर एवं 33 सर्विस होम केयर सेंटर चल रहे है।

श्री कुमार स्वामी (भारतीय किसान संघ) के अनुसार रोजगार आयाम के अंतर्गत 742 एफपीओ, 10 हजार स्कीम में 530 सेंटर, 10 राज्यों में पंजीयन कर फुड प्रोसेज एवं एफपीओ प्रशिक्षण, मार्केटिंग, ऐग्जीबिशन, नेशनल लेवल पर आयोजित किये जा रहे है।

श्री ज्वाला प्रसाद (विद्या भारती) के अनुसार 27 विषयों में से स्वदेशी एक विषय है। कौशल विकास के लिए विद्या भारती ने एन.सी.वी.ई.टी. के साथ एम.ओ.यू. किया गया है। देशभर में आयोजित होने वाले मातृशक्ति सम्मेलनों में स्वदेशी एवं उद्यमिता विषय रखा गया।

श्री रविन्द्र सिह (कनेरी मठ) के अनुसार मठ जैविक खेती सहित 20 से 25 आयाम चला रहा है। जिसमें से पांच आयामों- प्राकृतिक कृषि, चिकित्सा, वेदपाठ, शिक्षा, गौ एवं महिला सशक्तिकरण पर कार्य हो रहा है।

श्री विनय खटावकर (सहकार भारती) के अनुसार सहकार भारती महाविद्यालयों में सहकारिता से उद्यमिता की ओर अभियान के अन्तर्गत भाषण, स्टार्ट अप, उद्यमिता के लिए ऋण-कॉपरेटीव सोसाईटी से जिसमें कॉपरेटीव पॉलिसी 80 प्रतिशत वहन करती है, आदि गतिविधियों के माध्यम से उद्यमिता एवं स्वावलंबन को बढ़ावा दे रही है। 

श्री प्रशांत देशपाण्डे ने उद्यमिता संगम के अंतर्गत एम.एस.एम.ई. के उद्यमियों को प्रोत्साहन के साथ चर्चा के माध्यम से मार्गदर्शन एवं समस्याओं के समाधान पर ध्यान देने पर जोर दिया।

प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने वर्तमान वैश्विक आर्थिक परिदृश्य एवं भारतीय कृषि विषय पर बताया कि उपजाऊ जमीन एवं पानी के प्रबन्धन से किसानों की आय दोगुनी करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में मूल्यवर्धन करने पर जोर दिया जाना चाहिए। खाद्य तेलों के आयात एवं एफडीआई के चलते 50 प्रतिशत लाभांश देश से बाहर जा रहा है। आयात को उत्पादन में बदलना होगा। हाई टेक्नोलोजी, आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंसी, सेमीकण्डेक्टर, चीन से व्यापार, विनिर्माण सेक्टर की आवश्यकता, विनिर्माण विकास इण्डस्ट्रीज, मेक इन इण्डिया, पीएलआई, नई इण्डस्ट्रीज पॉलिसी, आदि पर नये स्तर पर जाकर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। 

डॉ. अश्वनी महाजन ने विकास का भारतीय प्रतिमान विषय पर कहा कि जीडीपी को विकास से जोडने की भ्रांतियां चल रही है। भारत का चार पुरुषार्थों पर विश्वास है, जिसमें से अर्थ महत्वपूर्ण है लेकिन इसका अभाव एवं प्रभाव दोनों ही खतरनाक है। इसलिए अर्थ का नियोजन-प्रयोजन धर्म के परिवेश में होना चाहिए। पाश्चात्य विकास की अवधारणा में टुकडों में विकास के कारण ही बेकारी, भूखमरी, पूंजी असंतुलन एवं स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न हुई है। एकात्मदर्शन, सम्पूर्ण बहमाण्ड की चिंता एव सह अस्तित्व की भावना के साथ ही धर्म एवं पर्यावरण के आलोक में ही सबकुछ व्यवस्थित रूप से किया जा सकता है। इसलिए लघु उद्योगों के साथ ही रेडी-पटरी वाले छोटे व्यापारियों के बारे में सोचना एवं कृषि में जीएम, रसायनिक खेती से बचना जरूरी है। 

भारत ग्लोबल इण्डिस्ट्रीज फोरम के श्री सिद्धार्थ शर्मा ने लघु उद्योग से बडी कम्पनियों को एक प्लेटफॉर्म पर लाने के प्रयास पर बल दिया। लार्ज भारतीय इण्डिस्ट्रीज में 30 सदस्य है, अभी इन कम्पनियों को मार्गदर्शन देने के लिए हमें ही प्रयास करने होंगे। यह फोरम ही ‘नेशन फर्स्ट’ की विचारधारा के कारण ही भारत को 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में लेकर जाने वालों का फोरम होगा, जो विदेशों से भारतीय कम्पनियों को भारत में लाने का प्रयास कर सकता है। इसलिए 31 अगस्त 2025 को भारत मण्डप, दिल्ली में आयोजित सेमिनार में इसी विषय पर फोकस किया गया।

श्री सचिन्द्र बरियार एवं श्री साकेत राठौर के अनुसार भारत के किसी भी प्रांत में स्वदेशी मेलों के आयोजन के लिए संगठन के पास पर्याप्त मात्रा में आर्थिक, नैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक रूप से सक्षम प्रशिक्षित टीम, स्थानीय संरचना, कार्यालय, कार्यकर्ता, कोष के कारण स्वदेशी मेलें लगाना आसान है। स्वदेशी मेले समाज में एक ब्रान्ड है जो समाज का नेतृत्व करने में सक्षम होने के साथ ही जमीनी स्तर के उद्यमियों को लेकर चलने वाले बडे़ मॉडल के रूप में विस्तारित किये जा सकते है।

श्री एच. राजा (भारतीय जनता पार्टी) ने भाजपा द्वारा 25 सितम्बर से 25 दिसम्बर (3 माह) तक पूरे देश में चलाए जाने वाले स्वदेशी एवं आत्मनिर्भर भारत अभियान के विषय में जानकारी दी।

अ.भा. संघर्षवाहिनी प्रमुख श्री अन्नदाशंकर पाणिग्रही ने पर्यावरण विषय पर स्वदेशी मेलों में प्लास्टिक के स्थान पर स्टील्स के बर्तनों का उपयोग, सतत् विकास की चुनौतियों में पर्यावरण, रोजगार, उर्जा सहित पांच विषय पर चर्चा की। इसके लिए प्रकृति यात्रा कार्यक्रम पूजन, वन-नदी यात्रा, विचार गोष्ठी का आयोजन, भूमि सूपोषण के कार्यक्रम एवं 28 अगस्त अमृता देवी बलिदान दिवस पर कार्यक्रम करने का आह्वान किया।

डॉ प्रतिभा चतुर्वेदी (अ.भा. सह महिला प्रमुख) के अनुसार अखिल भारतीय महिला सम्मेलन में 45 में से 38 प्रांतों ने 30 एवं 31 अगस्त 2025 को 14 शोध पत्रों का वाचन किया गया।

श्री सतीश कुमार के अनुसार स्वदेशी जागरण मंच 1991 को गेट, डंकल प्रस्ताव, विश्व व्यापार संगठन के खिलाफ एक जन आन्दोलन के रूप में जन्मा है। स्वदेशी आंदोलन भारत को वर्ल्ड इकॉनमी बनाने का बीज है। हमें कुछ मार्केट्स पर भी क़ब्ज़ा करना पड़ेगा। यह आर्थिक सुधार नहीं, आर्थिक ट्रांसफॉर्मेशनल का विषय है। सेमीकंडक्टर चिप्स, एयरटूल्स, आई.टी. सेक्टर, हैवी इंजीनियरिंग एवं जैविक खेती सभी में भारत का विकास छिपा है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे अनेक सोर्सेज़ के माध्यम से आर्थिक विषयों की जानकारी करें, जैसे ‘अमरीकी टैरिफ़ रेट’ इस विषय को गहनता से पढ़े तथा इस पर चर्चा करें।

श्री आर. सुन्दरम एवं श्री कश्मीरी लाल ने नवीन दायित्वों की घोषणा की गयी।

नवीन दायित्व

अखिल भारतीय दायित्व

  • प्रो. सोमनाथ सचदेवा - पूर्व में उत्तर क्षेत्र संयोजक, अब स्वदेशी शोध संस्थान के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन होंगे।
  • श्रीमती अमिता पत्की - पर्यावरण आयाम की राष्ट्रीय सह प्रमुख होगी।
  • श्री के. जगदीश - दक्षिण मध्य क्षेत्र संगठक के साथ ही स्वदेशी मेला की राष्ट्रीय टोली के सदस्य होंगे।

मध्य क्षेत्र 

  • श्री आलोक सिंह - पूर्व में महाकौशल प्रांत संयोजक थे, अब मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय कार्यकारिणी सदस्य रहेंगे।
  • श्री कपिल मलैया - पूर्व में महाकौशल प्रान्त के अभियान समन्वयक थे, अब प्रांत संयोजक के दायित्व का निर्वहन करेंगे।

उत्तर क्षेत्र 

  • श्री राजेश गोयल - उत्तर क्षेत्र के संयोजक का दायित्व निर्वहन करेंगे।

दक्षिण मध्य क्षेत्र 

  • श्री रमेश - पूर्व में तेलंगाना प्रान्त के अभियान समन्वयक थे, अब दक्षिण मध्य क्षेत्र के समन्वयक होंगे।
  • सीए हरीश बाबू - तेलंगाना प्रान्त संयोजक के साथ ही दक्षिण मध्य क्षेत्र के सम्पर्क प्रमुख भी होगें।
  • श्री राचा श्रीनिवास - तेलंगाना प्रान्त संगठक के साथ ही आन्ध्र प्रदेश के सम्पर्क प्रमुख भी होगें।
  • श्री इन्द्रसैन रेड्डी - पूर्व में तेलंगाना प्रान्त अभियान के सह समन्वयक थे, अब प्रान्त समन्वयक होंगे।
  • श्री मन्जूनाथ - पूर्व में अभियान के क्षेत्र समन्वयक थे, अब क्षेत्र के पर्यावरण प्रमुख एवं क्षेत्र कार्यकारिणी सदस्य होंगे।

पश्चिम क्षेत्र 

  • श्री भूषण जी वैद्य - पश्चिम क्षेत्र के सम्पर्क प्रमुख होंगे। (पूर्व में लघु उद्योग भारती में दायित्व रहा है)
  • श्री ईश्वर सज्जन सिंह - पश्चिम क्षेत्र के सह-क्षेत्र सम्पर्क प्रमुख होंगे (पूर्व में लघु उद्योग भारती में दायित्व रहा)
  • श्री संभाजी राचूरे (सहकार भारती) - प्रान्त सह समन्वयक, देवगिरी प्रांत (श्री तुलजेश जी चौधरी, जालना के स्थान पर)
  • श्री शरद भाई ठक्कर - प्रान्त सह समन्वयक, गुजरात 
  • डॉ. सीमा बेन गाला (वापी) - पूर्व में गुजरात महिला कार्य सह प्रमुख, अब प्रान्त महिला कार्य प्रमुख होगी।
  • श्रीमती नीना बेन भट्ट - प्रान्त महिला कार्य सह प्रमुख के साथ ही प्रान्त सह समन्वयक (महिला) होगी।

श्री कश्मीरी लाल ने वर्तमान के माहौल के साथ-साथ अपना कार्य, कार्यक्रम, अभियान के लिए लगातार कार्य करते रहने के लिए आहवान किया। इसके लिए वातावरण की अनुकूलता को साथ लेकर चलना, खण्ड स्तर पर संगठन/अभियान की रचना करना, कार्य के साथ कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ाने के लिए अच्छे वक्ताओं को तैयार करना, डीबीठेगरीडॉटकॉम वेबसाइट पर राष्ट्रऋषि दतोपंत ठेंगड़ी जी के भाषणों को सुनना एवं उनके द्वारा लिखित साहित्य को पढ़ना प्रत्येक कार्यकर्ता के लिए आवश्यक है।

उन्होंने आगामी 6 माह में ग्राम स्तर तक अभियान को पहुँचाना, दीपावली से पूर्व देशभर में स्वदेशी संकल्प यात्राएँ निकालने एवं प्रत्येक जिले में स्वदेशी मेले का आयोजन करने का आह्वान किया।

श्री आर. सुन्दरम ने कहा कि वर्तमान का समय स्वदेशी के लिए नया संदेश लेकर आ रहा है, जिसमें हम सब को स्वदेशी पर काम करने के लिए समाज एवं सरकार का सहयोग मिल रहा है। माननीय प्रधानमंत्री जी अपने सभी संबोधनों में स्वदेशी उत्पादों की खरीद की अपील कर रहे है। दूसरी ओर सामाजिक संगठनों में कनेरी मठ जैसे कई संगठन आगे आकर सहभागिता निभा रहे है। देश में कोरोना के बाद युवाओं एवं उद्यमियों ने स्वरोजगार, सामाजिक सेवा के साथ ही देश के विकास में भागीदार बनने में सफलता पाई है। वर्तमान में भारत में कनेक्टीविटी का विकास हुआ है, जिससे रेलमार्ग, हवाईमार्ग एंव सडक मार्ग के कारण देश में कार्य करना आसान हुआ है। स्वर्गीय एपीजे अब्दुल कलाम एवं श्रीधर वेम्बू के अनुसार देश की युवाशक्ति, आर्थिक स्थिति, तकनीकी विकास की स्थिति एवं विकेन्द्रीकरण की नीतियां ही देश को आगे ले जाने में सक्षम है।

बैठक का समापन श्रीमती दीप्ति पयासी द्वारा राष्ट्रगीत वन्देमातरम् से हुआ।                    

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