ईश्वर दास महाजन जीः एक प्रेरक व्यक्तित्व
स्वदेशी जागरण मंच के प्रथम अखिल भारतीय कोष प्रमुख एवं दिल्ली प्रांत के संयोजक श्री ईश्वर दास महाजन का दिनांक 29 मार्च 2022 को 99 वर्ष की आयु में देहावसान हो गया। संघ के समर्पित कार्यकर्ता और लाखों स्वयंसेवकों के प्रेरणा स्रोत एवं कुशल प्रशासक श्री ईश्वर दास महाजन जी का संपूर्ण जीवन संघ कार्यों को समर्पित रहा। वे लंबे समय तक स्वदेशी जागरण फाउंडेशन के अध्यक्ष रहे और जीवन के अंतिम क्षण तक वे स्वदेशी पत्रिका के प्रकाशक रहे।
श्री ईश्वरदास महाजन जी का जन्म 13 सितंबर 1923 में शकरगढ़ जिला गुरदासपुर (पंजाब) में हुआ था। उनके पिताजी का नाम श्री मिलखी राम जी तथा माताजी का नाम श्रीमती अचरा रानी था। छोटी आयु में ही उनके माता और पिता जी स्वर्ग सिधार गए थे। उनके बड़े भाई श्री राम सरण दास महाजन और तीन बहनों का लालन-पालन उनके चाचा जी श्री मनीराम महाजन जी ने किया। उन्होंने इस परिवार का पालन इतनी लगन से किया कि उन्होंने अपना विवाह भी नहीं किया। अपना सारा जीवन इन्हें पढ़ाने और इन सबको आदर्ष जीवन की कला से ओतप्रोत करने में लगा दिया।
ईश्वरदास जी जब कक्षा सात में पढ़ते थे तो वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बन गए। दिन प्रतिदिन उनकी रूचि इसमें बढ़ने लगी और अपना ज्यादा समय वहां पर लगाने लगे। वे अत्यंत मेधावी और संस्कारी थे। विद्यार्थी जीवन से ही उनका व्यवहार सभी को प्रभावित करता था। बी.ए. करने के बाद वह 1942 में संघ के प्रचारक बनकर सियालकोट गए थे। वहां पर संघ के कार्य का विस्तार तेज गति से किया। उनके कार्यकाल में संघ की शाखाएं तेजी से बढ़ी और कई कार्यकर्ताओं को संघ के प्राथमिक षिक्षा वर्ग में भेजा। भारत विभाजन के बाद उन्हें षिमला जिला प्रचारक के नाते भेजा गया। वहां पर भी सफलतापूर्वक संघ कार्य का प्रसार किया। अपनी योग्यता और कुषलता के कारण बहुत सम्मानित लोगों से संपर्क साधकर उन्हें संघ से जोड़ा। कुछ वर्षों बाद उन्हें करनाल जिला का काम सौंपा गया। इनके कार्यकाल में करनाल से बहुत प्रचारक संघ कार्य के विस्तार के लिए निकले।
1952 में संघ कार्य प्रचारक के कार्य से मुक्त होकर उन्होंने बी.टी. की उपाधि प्राप्त की और उसके बाद उन्होंने 1953 में अंबाला जिला कार्यवाह के नाते 10 वर्षों तक कार्य किया। अंबाला नगर में एस.ए. जैन स्कूल में अध्यापन का कार्य किया और 1953 में ही दिल्ली में निर्मल जी से उनका शुभ विवाह संपन्न हुआ। अंबाला में ही उन्होंने इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। दोनों ही अध्यापन का कार्य करते थे। ईष्वर जी संघ कार्यों में पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते और श्रीमति निर्मल महाजन जी सेवा एवं अन्य सामाजिक कार्यों में समय लगाती थी।
1963 में संगठन की योजना से ईष्वर जी दिल्ली आए। यहां पर डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पीजीटी इतिहास के नाते कुछ वर्षों तक अध्यापन किया और फिर प्रधानाचार्य बने। वे 1967 में योजनानुसार भारतीय जनसंघ दिल्ली प्रदेष के मंत्री बनाये गये। 1973 में दिल्ली नगर निगम के सदस्य बने और स्थाई समिति के अध्यक्ष चुने गए। दिनांक 26 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई। आपातकाल के दौरान वे 19 माह जेल में रहे।
1977 में उन्हें दिल्ली महानगर परिषद का डिप्टी लीडर चुना गया। कुछ वर्षों बाद ईश्वर जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्य में संलग्न हो गए। उन्होंने भाग कार्यवाह, विभाग संचालक और प्रांत कार्यवाह के नाते बहुत कार्य किए। इनकी योग्यता और कुशलता के कारण संघ का कार्य तीव्र गति से बढ़ा। ईश्वर जी ने कई साथियों को लेकर 1 मई 1978 को विवेकानंद स्कूल आनंद विहार में शुरू किया।
दिनांक 31 मार्च 2022 को संपन्न उनकी श्रद्धांजलि सभा में पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, श्री विजय गोयल, कई वर्तमान और पूर्व सांसद, दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष श्री रामनिवास गोयल, स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय संगठक श्री कश्मीरी लाल, अखिल भारतीय सहसंयोजक डॉ. अश्वनी महाजन व बड़ी संख्या में उनके प्रशंसक एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
स्वदेशी जागरण मंच के समस्त कार्यकर्ता उनके देहावसान पर अश्रपूर्ण श्रद्धांजलि व्यक्त करते हैं और भगवान से उनकी सदगति की कामना करते हैं।
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